काल दो प्रकार

काल दो प्रकार के होते हैं
१. एक काल तो त्रुटियादि से प्रलय प्रयन्त समय का ज्ञान कराने वाला समय
२. दूसरा काल यमराज होता है जो अन्तिम क्रिया करता है।
काल अर्थात् समय ज्ञान करने के लिए समय का पता कराने के लिए अलग अलग यंत्र
काल समय ज्ञात करने के अलग अलग मापक सूचक है उन पर  यहां चर्चा करेंगे।
३ लव = १ निमेष
३ निमेष =१  क्षण
५ क्षण =१ काष्ठा
१५ काष्ठा =१ लघु
१५ लघु = ६० पल=१ घड़ी (घटी)
१ पल=६० विपल
१विपल =६० प्रतिविपल

२/३०घडी(घटी) =१घंटा
६० घटी =१ अहोरात्र
१ अहोरात्र =एक दिन रात
७ अहोरात्र =एक सप्ताह
३० अहोरात्र =१ मास
३०×१२=३६०अहोरात्र =१ वर्ष
३६० अशं =भचक्र
३६० अंश =१२ राशि
१ राशि =३० अंश
१ अंश= ६० कला
१ कला =६० विकला
१विकला =६०प्रतिविकला

१ विपल= २४ प्रतिसैकंड
५विपल =१२०प्रतिसैकंड =२सैकंड
१० विपल =४ सैकंड
२०विपल =८ सैकंड
४० विपल= १६ सैकंड
६०विपल =२४ सैकंड 

६०विपल=१पल =२४सैकंड
५पल =१२०सैकंड =२ मिनट
१०पल में =४ मिनट 
१५ पल =६ मिनट 
३० पल =१२ मिनट 
१ घटी=६०पल =२४ मिनट 
२/३० घटी =१ घंटा
६० घटी =२४ घंटा
Achary Pratap

समालोचक , संपादक तथा पत्रकार प्रबंध निदेशक अक्षरवाणी साप्ताहिक संस्कृत समाचार पत्र

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