कुकुभ छंद

गाँधीगीरी

गुस्ताख़ी माफ़ गाँधी  को कहते सब आँधी  ,रोक नहीं कोई  पाया। जन-जन जाने जन्में थे वो , दो अक्टूबर जब आया। अत्य…

Afficher plus de posts
Aucun résultat.