achary Pratap
दोहा-गीत शीत वर्णित
शीत लहर लहरा रही ,शीतलता चहुँ ओर। जीवन के तट पर सखे! , प्रिये कहीं पर-छोर।। ---- आगमन ऋतु शीत का है ,शीलत बहे…
शीत लहर लहरा रही ,शीतलता चहुँ ओर। जीवन के तट पर सखे! , प्रिये कहीं पर-छोर।। ---- आगमन ऋतु शीत का है ,शीलत बहे…