मैं "आचार्य प्रताप" आज से कुछ वर्ष पूर्व जब हैदराबाद आया था तब मैं सॉफ्टवेयर में प्रयोग होने वाली एक भाषा जिसे जावा के नाम से जानते है, उसको सीखने के लिए अपने कदम हैदराबाद की धरती पर पहली बार मई २०११ में रखे, अधूरा सीखने के बाद मैं वापस अपने शहर सतना, मध्य प्रदेश चला गया,फिर फ़रवरी २०१२ को पुनः वापसी के पश्चात् यहींं का होकर रह गया। पहले सॉफ्टवेयर का ज्ञान प्राप्त करते करते मैंने देखा कि यहाँ हिंदी भाषा का ज्ञान तो है किन्तु बहुत काम लोगो को,तब से कुछ विद्यालयों में हिंदी माँ की सेवा में लग गया।
हिंदी भाषा को पढ़ाते-पढ़ाते ही मैंने फ्रांसीसी भाषा का ज्ञानार्जन किया। इसी दौरान हिंदी प्रचार सभा हैदराबाद से हिंदी विद्वान
तथा बाद में निष्णात (M.A.) हिंदी भाषा तथा अंग्रेजी भाषा से किया, हिंदी भाषा से ही चिकित्सा-शास्त्र (Ph.D.) का अध्ययन करने का विचार बनाया ही था, इसी समयांतराल में फेसबुक के माध्यम से मेरी जान-पहचान मेरे गुरुदेव आदरणीय श्री डॉ. बिपिन पाण्डेय जी से हुयी तथा आपने मुझे एक दोहाकार बना दिया फिर फेसबुक के माध्यमों से ही विभिन्न विद्वानों की संगति में कई विधायें सीखी :: दोहा , कह-मुकरी , सोरठा, रोला ,कुंडलियाँँ , कुण्डलिनी , और कई आधार छंद भी सीखे, तथा अब उज्जैन के विक्रम विश्वविद्यालय से एकीकृत पाठ्यक्रम शिक्षा-शास्त्री - शिक्षा-आचार्य (B.Ed-M.Ed Integrated course ) का यथोचित अध्ययन कर रहा हूँ।
उपलब्धियाँ-
दिसंबर महीने में आयोजित दोहा शिरोमणि-प्रतियोगिता में मुझे "दोहा शिरोमणि" के सम्मान से सम्मानित किया गया था
और अगले ही दिन १ जनवरी २०१८ को आपको वहाँ के निर्णायक मण्डल निर्णायक का बना दिया गया तथा फ़रवरी महीने में दिल्ली में आयोजित “काव्य-दंगल” एक आयोजन में "काव्य-साधक"
और "काव्य-श्री" सम्मान से भी सम्मानित किया गया।
22 मार्च को 2018 “साहित्य संगम संस्थान” से दोहो के लिये ही “अन्नपूर्णा सम्मान” से विभूषित किया जा चुका हूँ।
14 सितम्बर 2019 को हिन्दी दिवस के उपलक्ष्य में साहित्य संगम संस्थान से ही ‘साहित्य-साधक सम्मान’ से सम्मानित किया गया।
माह जनवरी 2020 के प्रथम सप्ताह में आपको इसी संस्था द्वारा ‘साहित्य गौरव सारथी सम्मान’ से भी सम्मानित किया गया और आपने इस संस्था का कोटि-कोटि धन्यवाद दिया ।
संस्कृत की एक निष्ठ सेवा करने पर 20 जनवरी 2019 को ‘संस्कृतरसास्वाद’ नामक राष्ट्रीय संस्था से ‘आचार्य’ की मानद उपाधि से भी सम्मानित किया गया था तथा उसी दिन संस्कृत समाचार पत्र – अक्षरवाणी साप्ताहिक संस्कृत समाचार पत्र का प्राँतीय प्रभार सौंप दिया गया, वर्ष 2020 , सितंबर माह में अक्षरवाणी संस्कृत समाचार पत्र का प्रबंध निदेशक का पद प्रदान किया गया तब से अभी तक आप अपने उस दायित्व का निर्वाहन कर रहे हैं।
प्रकाशित कृतियाँ- लुप्त होती विधा–कहमुकरी का आलेख हिंदी मिलाप में,
प्रताप-सहस्त्र (२०१८)(दोहा-संग्रह), मेरी बगिया के फूल (कविता-संग्रह (२०२० ) , स्वरात्मिका ( गीत- संग्रह ) शीघ्र प्रकाशनार्थ ...
मेरा परिचय दोहात्मात्क अंदाज में- दोहा छंद के माध्यम से स्ववृत्त(परिचय)
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प्रथम चरण में नाम का , दूजे में
निज काम।
लिखता आज प्रताप फिर, दोहा छंद स्वनाम।।०१।।
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राहुल से प्रारंभ हो, मध्यम् नाम प्रताप।
सिंह बना उपनाम है, भानु: जैसा ताप।।०२।।
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हिंदू क्षत्रिय वंश में, कुल मेरा जयशूर
।
मूल निवासी मैं हुआ, कोटर ग्राम
हुजूर।।०३।।
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दादा - दादी संग में , बता रहा
हूँ नाम।
पितामही हैं फूलमति
,
दादा मोलेराम ।।०४।।
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मात-पिता हैं देव सम, करें सभी सम्मान।
आओ आज करा रहा, मैं उनकी पहचान।।०५।।
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माँ का प्रतिमा नाम है ,पिता नरेंद्र प्रताप।
अनुजा रेखा ,रश्मि हैं ,अनुज ऋषभ है
आप।।०६।।
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चाचा - चाची से भरा , कुल अपना
है मीत।
अमित , अजय अग्रज हुए ,उनके अनुज अजीत ।।०७।।
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शिक्षा मैंने पूर्ण की, आकर हैद्राबाद
।
विद्वान, सुपंडित बनूँ , नाम करूँ
आबाद।।०८।।
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हिंदी, संस्कृत मातृ सम , आंग्ला,
उर्दू जान।
फ्राँसीसी , जर्मन सहित, तेलुगु थोडा़ ज्ञान।।०९।।
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अपने परिचय का यहीं, करता हूं मैं अंत।
बनकर रहना है सदा, मुझको अच्छा संत।।१०।।
- आचार्य प्रताप
Yeh bahoot buri baat hai, Achary ji....sabhi ke bare mein sambdoh kiya mager dostho ko bhoola diya...very bad man...very bad.... but its awesome from you
जवाब देंहटाएंThanks a lot Sir for commenting here and keen observation as always.
हटाएंAn other posts are here you can check there you will get about friends.
धन्यवाद आपका।
सर्वदा शुभम् भवतु
ब्लॉग तो बहुत अच्छा बनाया है सर आपने।
जवाब देंहटाएंदोहा रूपी आपका परिचय बहुत अच्छा लगा।
अभिभूत हूँ।
💐 💐 💐
बस आपका प्यार है और आपका दृष्टिकोण है जो अच्छा कह रहें वैसे अभी भी बहुत सुधार करना बाकी है।
हटाएंप्रशंसात्मक टिप्पणी के लिए हार्दिक आभार।
।।शुभमस्तु।।
ब्लॉग तो बहुत अच्छा बनाया है सर आपने।
जवाब देंहटाएंदोहा रूपी आपका परिचय बहुत अच्छा लगा।
अभिभूत हूँ।
💐 💐 💐
शुभमस्तु श्रीमंत
हटाएंहार्दिक बधाई और शुभकामनाएं
जवाब देंहटाएंयशस्वी भव
साष्टांग प्रणाम गुरुदेव बस सब आपके आशीर्वाद से हो रहा है |
हटाएंहार्दिक बधाई और शुभकामनाएं
जवाब देंहटाएंयशस्वी भव।
माँ शारदे की कृपा आप पर सदैव बनी रहे।
धन्यवाद गुरुदेव ऐसे ही आशीर्वाद बनाए रखियेगा|
जवाब देंहटाएंसुन्दर
जवाब देंहटाएंशुभकामनाएं