दुमदार दोहे

आज के दुमदार दोहे

============= सोच रहा था आज मैं, लिखकर दूँगा छंद। बैठे -‌ बैठे  ही  हुआ,  फूलों  का  मकरंद।।  लिए तुलसी की मा…

दुमदार दोहे

दुमदार दोहे दिल्ली की ये मस्ज़िदें ,  बाँट रहीं हैं मौत? फैल रहें हैं देश में, छाँटें अब परनौत।। बढ़ेगी आफत भ…

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