शीत

दोहा-गीत शीत वर्णित

शीत लहर लहरा रही ,शीतलता चहुँ ओर। जीवन के तट पर सखे! , प्रिये कहीं पर-छोर।। ---- आगमन ऋतु शीत का है ,शीलत बहे…

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