शुक्रवार, 2 अक्तूबर 2020

स्वच्छता का संदेश

दो वर्ष पूर्व लिखा गया  रोला छंद

चाहें  तन  मन  स्वस्थ , स्वच्छता  सबका सपना।
झाड़ू   घर   की  शान  , उठाओ सब जन अपना।
रखो   स्वच्छ   परिवेश , हृदय  मंदिर-सा  पावन।
कह  प्रताप अविराम ,धरा  दिखती  मनभावन।।

आचार्य प्रताप

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

आपकी टिप्पणी से आपकी पसंद के अनुसार सामग्री प्रस्तुत करने में हमें सहयता मिलेगी। टिप्पणी में रचना के कथ्य, भाषा ,टंकण पर भी विचार व्यक्त कर सकते हैं