स्वच्छता का संदेश

दो वर्ष पूर्व लिखा गया  रोला छंद

चाहें  तन  मन  स्वस्थ , स्वच्छता  सबका सपना।
झाड़ू   घर   की  शान  , उठाओ सब जन अपना।
रखो   स्वच्छ   परिवेश , हृदय  मंदिर-सा  पावन।
कह  प्रताप अविराम ,धरा  दिखती  मनभावन।।

आचार्य प्रताप
Achary Pratap

समालोचक , संपादक तथा पत्रकार प्रबंध निदेशक अक्षरवाणी साप्ताहिक संस्कृत समाचार पत्र

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