मुख्यपृष्ठछंद स्वच्छता का संदेश Achary Pratap -9:39 pm 0 दो वर्ष पूर्व लिखा गया रोला छंदचाहें तन मन स्वस्थ , स्वच्छता सबका सपना।झाड़ू घर की शान , उठाओ सब जन अपना।रखो स्वच्छ परिवेश , हृदय मंदिर-सा पावन।कह प्रताप अविराम ,धरा दिखती मनभावन।।आचार्य प्रताप Tags: छंद रोला साहित्य हिंदी साहित्य Facebook Twitter