achary Pratap गीतिका -विजात छंद Achary Pratap -14:05 विजात छंद सुहानी शाम है आई। गगन पर लालिमा छाई।। सुधाकर है दिखा अब तो , सुहानी रात है आई।। कली मिटने लगी …