दोहा
प्रताप-सहस्र से -दोहा द्वादशी
दोहे ----- व्याकुल मन की वेदना , बन जाती है काव्य। निज पीड़ा जब-जब कहूँ, होती सदा सु-श्राव्य।।०१।। ----- दृग…
दोहे ----- व्याकुल मन की वेदना , बन जाती है काव्य। निज पीड़ा जब-जब कहूँ, होती सदा सु-श्राव्य।।०१।। ----- दृग…
स्वरचित पुराने दोहों का परिमार्जन पश्चात् प्रेषण एवं संग्रहण विधा -छंदबद्ध छंद- दोहा तिथि- २४-०१-२०२१ दिवस- आ…
दोहे -------- गुणवत्ता होती नहीं , विनिमय का बाजार। आश्रित हुआ प्रचार पर , क्रय-विक्रय का सार।।०१।। ---- थोथी…
*प्रताप - सहस्र से दोहा-द्वादशी* शुभम लंबोदर गणपति, मंगलमूर्ति गणेश। मोदक दाता गजवदन,कहते सब विघ्नेश।।०१।। --…
#दोहे छंद- दोहा छंद (13,11 पर यति) युवा दिवस की हार्दिक शुभकानायें तिथि- 12-01-2021 दिवस- मंगलवार ---------…