छंद दोहा-द्वादशी Achary Pratap -14:12 वसंत-ऋतु- वसंतोत्सव काक-कोकिला एक सम , वर्ण रूप सब एक। ऋतु बसंत है खोलती , भेद वर्ण के नेक।।०१।। ------ …