गीताँश
केश तेरे देख श्यामल , मैं उन्हीं पर खो गया।
साँवली सूरत पे कविते, मैं दीवाना हो गया।
-आचार्य प्रताप
इसे बनाने का उद्देश्य यह है कि मेरे पाठक मित्र तथा सभी चाहने वाले मुझसे जुड़े रहें और मेरी कविताएँ छंदों के अनुशासन , मेरे अपने विचार, मैं अपने पाठकों तक पहुँचा सकूँ। मेरे द्वारा लिखी गई टिप्पणियाँ, पुस्तकों के बारे में , उनकी समीक्षाएँ , आलोचनाएँ ,समालोचनाएँ तथा छंदों के अनुशासन , मेरे अपने शोध तथा विशेष तौर पर हिंदी भाषा के प्रचार - प्रसार में मेरे द्वारा किए गए कार्यों का वर्णन मैं इसके माध्यम से अपने मित्रो तक पहुँँचा सकूँ।
गीताँश
केश तेरे देख श्यामल , मैं उन्हीं पर खो गया।
साँवली सूरत पे कविते, मैं दीवाना हो गया।
-आचार्य प्रताप
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जवाब देंहटाएंबहुत-बहुत आभार
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