ऋतुराज वसंत का गुणगान
ऋतुराज वसंत का गुणगान अनुशासन का मान बढ़ाया, मानवता का पाठ पढ़ाया। मानव दानव मध्य सभी को, जिसने स…
ऋतुराज वसंत का गुणगान अनुशासन का मान बढ़ाया, मानवता का पाठ पढ़ाया। मानव दानव मध्य सभी को, जिसने स…
हिंदी मिलाप स्वतंत्रता वार्ता
मीडिया प्रभारी ने बताया कि कार्यकारिणी की बैठक में तेलंगाना प्रांत के हिंदी साहित्य भारती कार्यकारि…
एक शिक्षक की भूमिका समाज के निर्माण में , देश के निर्माण में और भावी भविष्य की नवयुवा पीढ़ी के निर्माण म…
वर्णों का हूँ मैं कृषक , शब्दों से व्यापार । मुझे लाभ में चाहिए , आप सभी का प्यार।। आचार्य प्रताप…
विवाह जिसके आने से सुख मिले। जिसके जाने से दुख मिले। करते सभी उसी की वाह। क्या सखि साजन ? नहीं विवाह॥01॥ …
दु खों में रोकर मिलता है, सुखों में हँसकर मिलता है क्षुधा-पीड़ित हो प्राणी जो, उसे तो खाकर मिलता है। जगत …
विधाता छंद दिवाकर ढल गया था जब , तिमिर फैला हुआ तब है। सुधाकर दिख गया अब तो , तिमिर का नाश तो अब है॥ निशा…
शक्ति छंद ******** विधा आज तुम ही चुनोगे अगर। रचोगे नया कुछ लिखोगे अगर। विषय आज का तुम प्रतिष्ठा चुनो। …
वसंत-ऋतु- वसंतोत्सव काक-कोकिला एक सम , वर्ण रूप सब एक। ऋतु बसंत है खोलती , भेद वर्ण के नेक।।०१।। ------ …
विजात छंद सुहानी शाम है आई। गगन पर लालिमा छाई।। सुधाकर है दिखा अब तो , सुहानी रात है आई।। कली मिटने लगी …
मनोरम छंद ************ दर्शन शशि विकाल में हो, उत्तर अब सवाल में हो। शब्द गरिमा चाल में हो, प्रेयसी हर ह…
होली गीत ========= केसर घोलो गुलाल लगाओ रे... पिया परदेसी को गाँव बुलाओ रे। -------------------------------…
विधा - कहमुकरी ******************* तरह-तरह के जन को लाते। सारा दिन उत्पात मचाते।। रँगते जाते मेरी चोली। क्य…
होली तरह-तरह के रंग ले, खेलो तुम अब खेल। रंगों के इस खेल ने, करा दिया अब मेल।।०१।। श्यामल श्यामल गाल पर,श्…
अलंकरणरण युक्त लाल, लाल के भेद को, भेदेगा श्रीमान। रचनाएं अरु पटल का, करे सदा सम्मान।। ---- बाल बचा लो ब…
शुभम लंबोदर गणपति , मंगलमूर्ति गणेश। मोदक दाता गजवदन , कहते सब विघ्नेश।।०१।। आचार्य प्रताप
प रीक्षा समाप्ति के बाद परिणाम आने से पहले, एक शिक्षक का, विद्यार्थी के माता-पिता को पत्र। एक शिक्षक की कलम स…