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कुंडलिनी ९९

कुंडलिनी छंद *********** शिक्षा मिले गरीब को, करें गरीबी दूर। बिन शिक्षा के कुछ नहीं, सपने चकनाचूर। सपने चकना…

मुक्तक

शीर्षक- आनंद की अनुभूति दुखों में रोकर मिलता है, सुखों में हँसकर मिलता है क्षुधा-पीड़ित हो प्राणी जो, उसे तो …

विदाई समारोह पर संस्मरण

विदाई सदैव ही आँखें नम कर जाती है। बहुत दुःखी हूँ एक साथ दो विद्यालयों के छात्र-छात्राओं को विदाई समारोह मे…

कुंडलिनी छंद

कुंडलिनी ******* १ =========================== आया था जब जगत में, विलख रहा था खूब। धीरे-धीरे फिर दिखी, मनमोहक…

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