मुख्यपृष्ठ मुक्तक Achary Pratap -11:32 am 0 शीर्षक- आनंद की अनुभूतिदुखों में रोकर मिलता है, सुखों में हँसकर मिलता हैक्षुधा-पीड़ित हो प्राणी जो, उसे तो खाकर मिलता है।जगत में मैंने देखा है, सभी की अपनी विधियां हैं-पर ! मुझको तो बस आनंद, नव-छंद लिखकर मिलता है।#प्रताप Facebook Twitter