कुंडलिनी ९९

कुंडलिनी छंद
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शिक्षा मिले गरीब को, करें गरीबी दूर।
बिन शिक्षा के कुछ नहीं, सपने चकनाचूर।
सपने चकनाचूर, न देता कोई भिक्षा।
कह प्रताप अविराम, सदा लो पहले शिक्षा।
________________________प्रताप

Achary Pratap

समालोचक , संपादक तथा पत्रकार प्रबंध निदेशक अक्षरवाणी साप्ताहिक संस्कृत समाचार पत्र

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