छंद- दोहा छंद (13,11 पर यति)
युवा दिवस की हार्दिक शुभकानायें
तिथि- 12-01-2021
दिवस- मंगलवार
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युवाओं अब सोच से , बनो विवेकानंद।
शुद्ध सरल हो आचरण , जीवन तब आनंद।।०१।।
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यादों में क्या है कहीं , शिक्कागो की बात।
चंद मिनट उनको मिले , दिवस बिताए सात।।०२।।
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एक सुकन्या ने किया , प्रस्तावित निज भाव ।
स्वामी जी बतला रहें , संस्कृति सहित स्वभाव।।०३।।
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युवती के थे यह कथन , आएँ मेरे पास।
वैवाहिक जीवन सहित , एक पुत्र की आस।।०४।।
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पुत्र आप-सा चाहिए , प्रकट किया उर भाव।
सोच रहा तब युगपुरुष , कैसा यह प्रस्ताव?।०५।।
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घुटनों चलता शिशु बनें , लिये करो को जोड़।
युवती सम्मुख आ गया काल का कैसा मोड़?।०६।।
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स्वामी जी ने जब कहा , माँ पहचानों कौन?
मैं नरेंद्र तव पुत्र हूँ , तब युवती थी मौन।।०७।।
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अंतर्मन में क्रोध था , किंतु हृदय में प्रीत।
टेके घुटने बोलती , लिया हृदय फिर जीत।।०८।।
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संस्कृति सह संस्कार के , एक मात्र जो मूल।
प्रेरक इस व्यक्तित्व को, कैसे जाऊँ भूल।।०९।।
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हे स्वामी! हे युगपुरुष! , जपता सदा प्रताप।
नैतिकता संसर्ग की प्रभु , मूरत हो आप।।१०।।
आचार्य प्रताप
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