गीता छंद में एक सृजन

acharypratap


 




गीता छंद में एक प्रयास

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आज का छंद- #गीता 26 मात्रा, (मापनीयुक्त मात्रिक)

लय - गागालगा गागालगा गागालगा गागाल

क्रमशः दो-दो/ सम पंक्ति तुकांत 

 

राधा कहें अब श्याम से करना हृदय में वास।
मधुवन मजीरा मणि मतंग मथनी मथे मधुमास।।
क्रंदन करूँ करुणानिधी कंकण करें कटु नाद ।
प्रीत - परचम पा पथिक पथ पारश बना अपवाद ।।
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-आचार्य प्रताप
Achary Pratap

समालोचक , संपादक तथा पत्रकार प्रबंध निदेशक अक्षरवाणी साप्ताहिक संस्कृत समाचार पत्र

1 Commentaires

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  1. सुन्दर प्रस्तुति।
    मकर संक्रान्ति का हार्दिक शुभकामनाएँ।

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