रविवार, 29 नवंबर 2020

Live-10 डॉ.सूर्यनारायण गौतम रीवा, मध्यप्रदेश

Live 10

परिचय

डॉ.सूर्यनारायण गौतम
माता- श्रीमती कृष्णा गौतम
पिता- श्री रामसजीवन गौतम
जन्म-     02 मई 1973 को रीवा मध्यप्रदेश में। 
शिक्षा -    कक्षा 1- 8 तक शास. पूर्व माध्य.विद्यालय चोरहटा रीवा तथा पूर्वमध्यमा से विद्यावारिधि तक शास. वेंकट संस्कृत महाविद्यालय रीवा से सम्पन्न हुई। एम.ए. अवधेश प्रताप सिंह विश्वविद्यालय रीवा से उत्तीर्ण किया। शास्त्री परीक्षा संस्कृत छात्रवृत्ति के साथ उत्तीर्ण कर स्वर्ण पदक भी प्राप्त किया। 
बिगत 18 वर्षों से उच्च शिक्षा विभाग में सेवा करते हुए सम्प्रति श्री जगदीशप्रसाद झाबरमल टीबड़ेबाला विश्वविद्यालय, झुंझुनू के संस्कृत विभाग में प्राध्यापक के पद पर कार्यरत हैं। 
लेखन - प्रकाशित
1. जीवन के दस सुख एवं उनकी प्राप्ति के वैदिक उपाय। 
2. वेद, यज्ञ और पर्यावरण ।
3. श्रीमद्रामगीता।
4.शथपथ संदर्शन।
5.वैदिक चिंतन मञ्जूषा।
6. यजुर्वेदेग्नितत्व विमर्श:।
7.वेदतत्व विमर्श: - संपादन
8.वेदचिन्तनम।
9.बघेली कथायें।
10.किस्सन केर पोथन्ना।
अप्रकाशित-
1. चरणव्यूह की नारायणी टीका।
2. कथा शौरभम।
3. कथा वीथी - संपादन।
4. कथा प्रवाह ।
5. विन्ध्य के संत और संस्कृत ।
6. बघेलखंड की जनजातियों का देवलोक।
7. सोमयाग विधि:।
8.गर्भ विज्ञान।
9.तिहत्तर से अब तक।




शोधपत्र प्रकाशन-
50 से अधिक शोधपत्र अन्तराष्ट्रीय पत्रिकाओं में प्रकाशित हो चुके हैं। 
50 से अधिक राष्ट्रीय/अंतरराष्ट्रीय शोध संगोष्ठियों में सहभागिता/मुख्यातिथि/अध्यक्षता कर चुके हैं। 
प्रसारण- 
आकाशवाणी के रीवा केंद्र से वार्ताएँ एवं बघेली/संस्कृत कहानियाँ प्रसारित हो चुकी हैं। 
संपादन-
1.शोध चेतना,  अंतराष्ट्रीय, संपादक, इलाहाबाद
2. अनंता, अंतराष्ट्रीय, सह संपादक । दिल्ली
3. मानस कण, हिंदी साहित्यिक। सतना मध्यप्रदेश
4. परख- सदस्य, राष्ट्रीय शोध पत्रिका। रीवा 
5.प्रभास, झुंझुनू
03 राष्ट्रीय/अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठियों का संयोजन किया है। 
सम्मान- मध्यप्रदेश, उत्तरप्रदेश,राजस्थान गुजरात, महाराष्ट्र आदि स्थानों से अनेक सम्मान प्राप्त हो चुके हैं। 
10 से अधिक धोधार्थियों ने मेरे निर्देशन में शोधकार्य पूर्ण किये  हैं।
मेरी कई रचनाओं का मराठी, हिंदी, उर्दू आदि भाषाओं में अनुवाद बी किया जा चुका है। 
पुस्तकों में 10 से अधिक लेख भी लिखे जा चुके हैं। 
'डॉ. सूर्यनारायण गौतम : कृतित्व एवं व्यक्तित्व ' विषय 
पर शोध उपाधि भी प्रदान की जा चुकी है। 
बघेली कथायें एवं किस्सन केर पोथन्ना का समीक्षात्मक अध्यन विषय पर श्री जे जे टी यूनिवर्सिटी से शोधकार्य प्रगति पर है।

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