बेटियो की प्रशंसा में कुछ शब्द
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निर्मल स्वच्छ रहे घर-आँगन , निर्मल स्वच्छ विचार।
शिक्षित होगी जब नारी तब , करे प्रगति संसार।
उदय तुम्हीं से संध्या तुमसे , तुम जीवन का मान।
परहित अर्पित करती जीवन , निज प्रियतम की शान।
तू ही दुर्गा,काली भी तू, तू ही अबला नार।
मानव जन्म मिले मुश्किल से, मत करना बेकार।।
आचार्य प्रताप
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