भगिनी विभा अग्रवाल जी ३१ अगस्त

 #शब्दगुच्छ

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जन्म दिवसे हार्दिक्य शुभाशयाः माम् प्रिय भागिन्याः।
जन्म दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं और बधाइयां ईश्वर आपको सदैव सुख शांति समृद्धि और खुशहाल जीवन प्रदान करें यही कामना करता हूँ।
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कुछ पंक्तियों में स्वसृजन के साथ...
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जन्म दिवस की मधुरिम वेला ,
देखो आई है।
टिम-टिम करते सूरज चंदा,
खुशियाँं छाई हैं।।
वि धि विधान से पूजन कर फिर
अर्पण पुष्प करो।
भा नु - इंदु हो तब तक भगिनी,
जग हित नाम भरो।।
मिय-स्वरों की कोकिल हो तुम,
शीष समक्ष धरूँ।
ग्र हण करो अब शब्द गुच्छ यह,
अर्पित आज करूँ।।
वा णी प्रसरित जग भर में हो,
नूतन काज करे।
वणयुक्त हो सुधा नेह की,
कभी न कीट पड़े।।
धरणी के सम धैर्य भरो तुम,
चंचल सरिता - सी।
अनुराग भरी वर्षा करती नित,
मूरत ममता- की।।
नीरज निज पहचान बनाए,
पंकज जलज बने।
प्रतिहारी प्रतिभा प्रतिष्ठ हो,
सदा प्रताप कहे।।
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Achary Pratap

समालोचक , संपादक तथा पत्रकार प्रबंध निदेशक अक्षरवाणी साप्ताहिक संस्कृत समाचार पत्र

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