सोमवार, 29 मार्च 2021

जोगिरा सारारारारा जोगिरा सारारारारा होली दोहे

#दोहे

जोगिरा  सारारारारा जोगिरा  सारारारारा 
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नयन सरोवर सम प्रिये , रक्तिम अधर कपोल। 
केश सुसज्जित देखकर , मन जाता है डोल।।०१।।
जोगिरा  सारारारारा जोगिरा  सारारारारा 
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मृगनयनी मीन-आक्षी , मंजु मयूरी चाल।
रंगों के इस पर्व पर  , रँग दूँगा अब गाल ।।०२।।
जोगिरा  सारारारारा जोगिरा  सारारारारा 
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आज #होलिका‌ दह रही , #होली_का है पर्व।
हमें भक्त प्रहलाद की ,  भक्ति पर है गर्व।।०३।।
जोगिरा  सारारारारा जोगिरा  सारारारारा 
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राजनीति किस ढंग की ,  करते चौकीदार ।
मोदी-मोदी  ही  करें , जनता आज  पुकार।।०४।।
जोगिरा  सारारारारा जोगिरा  सारारारारा 
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मन मर्जी लिखते सभी , अपने सकल विधान।
भाव -  शिल्प  के  ज्ञान  से ,  रहते  ये अंजान।।०५।।
जोगिरा  सारारारारा जोगिरा  सारारारारा 
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जन-गण होली खेलते , लेकर रंग गुलाल।
युगों-युगों से चल रही , यही प्रथा गोपाल।।०६।।
जोगिरा  सारारारारा जोगिरा  सारारारारा 
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मिटे धारा से ईर्ष्या , अनाचार व्यभिचार।
मन तन हर्षित कर रहा , रंगों का त्यौहार।।
जोगिरा  सारारारारा जोगिरा  सारारारारा 

आचार्य प्रताप

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