गुरुवार, 17 दिसंबर 2020

दोहे - आचार्य प्रताप

 दोहा

******

मुश्किल बढ़ी सामाज की, बढ़ता गया दहेज।

लड़का-लड़की प्रेम से, करें नहीं परहेज।।०१।।

---

खामोशी में भी कहे, सच्ची बात प्रताप।

सूरज चंदा ने दिया, जुगनू दिये न ताप।।०२

---

चोरी करते चोर सब,आदत इनकी जीर्ण।

शब्द-भाव के चोर है, सोच रही संकीर्ण।।०३।।

-----





 

-आचार्य प्रताप

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

आपकी टिप्पणी से आपकी पसंद के अनुसार सामग्री प्रस्तुत करने में हमें सहयता मिलेगी। टिप्पणी में रचना के कथ्य, भाषा ,टंकण पर भी विचार व्यक्त कर सकते हैं