Live-5 श्याम सुन्दर पाठक जी धनबाद , झारखंड

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आपका नाम श्याम सुन्दर पाठक है। आप धनबाद , झारखंड की धरती को सुशोभित कर रहें हैं । आगे आपके शब्दों में- जनाब शौकिया लिख लिया करता हूँ या यों कहें माँ सरस्वती का कृपा प्रसाद पन्नों पर फैल जाती हैं । 52 बसन्त का दीदार किये नेत्रों पर चश्मे ने आशियाना बना ली है ।पूज्य पिता स्वर्गीय सियाबिहारी शरण पाठक की सदिच्छा के कारण एम.ए.पास हो गया ।उनकी नजर में बेटे के मस्तक पर स्नातकोत्तर का तमगा बहुत ही सम्मानप्रद था इसलिए मैंने भी ले ली खैर उसी उपाधि ने मुझे सरकारी विद्यालय का माहटर भी बना दिया । मैं बन गया सरकार का रजिस्टर्ड नौकर,जहाँ अपनी इच्छा नही सरकारी फरमान चलता है । आगे जब मन के तार कभी झंकृत होते तो कुछ शब्द प्रस्फुटित होजाते थे उसी को अक्षरवाणी ने कविता मान ली और मुझे कवि! पर दोस्तों काव्य की मुझे समझ नही हाँ अपनी भावना���ं को शब्दों का अमलीजामा पहनाने मुझे अब आ गया है। -Shyam Sundar Pathak ----- #aksharvanikavyamanjari #ShyamSundarPathak | Shyam Sundar Pathak | live-5



Achary Pratap

समालोचक , संपादक तथा पत्रकार प्रबंध निदेशक अक्षरवाणी साप्ताहिक संस्कृत समाचार पत्र

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