दोहा

#दोहे

संबंधों में लाभ हित , त्यागें सभी विवाद।
लाभांवित हो जाय तन , ज्यों त्यागें निज स्वाद।।०१।।
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समय बड़ा ही भिन्न है ,  बड़े भिन्न हैं लोग।
पास कुछों के है नहीं , कुछ का कटे न योग।।०२।।
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समय सिखाए जगत को  , लोग पराये कौन?
दिखे किसी को यह नहीं , किंतु दिखाए मौन।।०३।।
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आचार्य प्रताप
Achary Pratap

समालोचक , संपादक तथा पत्रकार प्रबंध निदेशक अक्षरवाणी साप्ताहिक संस्कृत समाचार पत्र

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