#दोहे
संबंधों में लाभ हित , त्यागें सभी विवाद।
लाभांवित हो जाय तन , ज्यों त्यागें निज स्वाद।।०१।।
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समय बड़ा ही भिन्न है , बड़े भिन्न हैं लोग।
पास कुछों के है नहीं , कुछ का कटे न योग।।०२।।
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समय सिखाए जगत को , लोग पराये कौन?
दिखे किसी को यह नहीं , किंतु दिखाए मौन।।०३।।
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