कुण्डलिया छंद सामाजिक हो दूरियाँ , दिवस रैन अरु चंद। जीवन से यदि मोह हो , घर में रहिए बंद। घ…
बेटियो की प्रशंसा में कुछ शब्द ********************** निर्मल स्वच्छ रहे घर-आँगन , निर्मल स्वच्छ विचार। शिक्षि…
#दोहे- जोगीरा सरारारा जोगीरा सरारारा ------------------------------------------- नयन सरोवर सम प्रिये , रक्तिम…
आज के दुमदार दोहे ============= सोच रहा था आज मैं, लिखकर दूँगा छंद। बैठे - बैठे ही हुआ, फूलों का मकरंद।…
कुंडलियाँ_छंद ------------------------ मित्र परिधि में जुड रहे , भाँति-भाँति के लोग। जुड़कर भटके ये नह…
शीर्षक- विदाई (संस्मारण) ----------------------------------- विदाई चाहे तो विवाह के उपरांत हो या कक्षा की सम…