रेखा राय ; एक परिचय :
रेखा राय, एक साधारण से परिवेश की, असाधारण नाम।
रेखा राय जी का एक अत्यंत व्यस्त सामाजिक सफर चलता रहा जो आज भी अनवरत जारी है।
रेखा राय जी जहां एक ओर धार्मिक कृत्यों में बढ़-चढ़कर हिस्सा लेतीं, वही सामाजिक, साहित्यिक एवं सांस्कृतिक कार्यक्रमों में भी विशेष रुचि लेतीं। इन्हीं रुचियों ने रेखा राय जी को दक्षिण भारतीय हिंदी महासभा से जोड़ा। वहीं दूसरी ओर अन्य सामाजिक संस्थाओं व एसोसिएशनों से भी उन्हें जुड़ने का अवसर मिला। हिंदी कश्मीरी संगम हो या केंद्रीय हिंदी निदेशालय की ओर से संचालित राष्ट्रीय संगोष्ठी हो, सब में रेखा राय जी की शिरकत रही, एवं वे सम्मानित होती रहीं। m.o.p. वैष्णव महिला महाविद्यालय की ओर से संचालित कवि सम्मेलन में भी रेखा राय जी एक विशेष सम्मान प्राप्त कर चुकी हैं। तमिलनाडु हिंदी साहित्य अकादमी द्वारा आयोजित तृतीय व चतुर्थ अंतर्राष्ट्रीय विश्व हिंदी सम्मेलन में उपस्थित होकर सक्रिय रूप से भागीदारी की। सृजनलोक द्वारा आयोजित काव्य पाठ एवं परिचर्चा में भी बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। महिला काव्य मंच हो, कि वरिष्ठ राष्ट्रीय नागरिक काव्य मंच हो, ब्रह्मवृक्षम हो ब्रह्मभट्टवर्ल्ड हो अथवा भक्ति महिला मंडल इत्यादि संस्था हो, सब में रेखा राय जी अवश्यंभावी रूप से सम्मिलित रहीं। अनेकों पत्र-पत्रिकाओं में नियमित रूप से रेखा राय जी के लेख प्रकाशित होते रहते हैं। त्रिपुरा के राज्यपाल श्री कप्तान सोलंकी जी द्वारा भी उत्तम लेखन कार्य हेतु रेखा राय जी को विशेष रुप से सम्मानित किया गया। श्रीमती मृदुला सिन्हा, महामहिम राज्यपाल, गोवा, एवं डॉ किरण बेदी, उपराज्यपाल, पुदुचेरी, द्वारा भी विशेष रूप से सम्मानित किया जा चुका है।
इसके अतिरिक्त रेखा राय जी ने अनेकों मंच संचालन, कार्यक्रम संचालन एवं विभिन्न कार्यक्रमों का सफलतापूर्वक आयोजन किया है।
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