प्रताप-सहस्र से दोहा-अष्टक (सौंदर्यपूर्ण आशुचित्र देख कर उपजे दोहे )
दो हावली **** सुंदर मुखड़ा देखकर , मोहित हुआ प्रताप। ज्ञान बड़ा सौंदर्य से , सुंदरता अभिशाप।।०१।। ========…
दो हावली **** सुंदर मुखड़ा देखकर , मोहित हुआ प्रताप। ज्ञान बड़ा सौंदर्य से , सुंदरता अभिशाप।।०१।। ========…
कुंडलिनी ******* १ =========================== आया था जब जगत में, विलख रहा था खूब। धीरे-धीरे फिर दिखी, मनमोहक…
मात-पिता पूजन दिवस, भूल गए हैं लोग। पश्चिम की यह सभ्यता, ढूँंढ़ रहे रति योग।।०१।। =========================…