ॐ ॐॐॐ
युग + आदि = युगादि (दीर्घ स्वर संधि)- इस शब्द का शाब्दिक अर्थ *युग अर्थात वर्ष (year) एवं आदि का अर्थ आरम्भ, प्रारंभ (Begin) दोनों शब्दों को मिलाने पर युगादि बनता है,युगादि अर्थात नव वर्ष का शुभारम्भ* परन्तु कालान्तर में उच्चारण के कारण युगादि को *उगादी* कहा जाने लगा जिसका परिणाम और प्रमाण आज भी दक्षिण भारत के कुछ प्रांतों में सुना जा सकता है।
भारतीय संस्कृति के अनुसार चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा से शक संवत का शुभारंभ होता है तथा आज से शक संवत् २०७८ (2078) का शुभारम्भ हो रहा है अर्थात *भारतीय नव वर्ष प्रारम्भ हुआ।* अतः आप सभी को नववर्ष की हार्दिक शुभकामनाएँ।
*दोहे*
----------
चैत्र शुक्ल की प्रतिपदा, विक्रम संवत हर्ष।
भारत की यह सभ्यता, मंगलमय नववर्ष।।०१।
-------
मंगलमय नववर्ष हो,सफल रहें सब काज।
मंगल वेला में सभी, हर्षित होंगे आज।।०२।।
------
*आचार्य प्रताप*
*ॐ भारतीय नव वर्ष मंगलमय हो ऐसी कामना करता हूँ। ॐ*
*आचार्य प्रताप*
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें
आपकी टिप्पणी से आपकी पसंद के अनुसार सामग्री प्रस्तुत करने में हमें सहयता मिलेगी। टिप्पणी में रचना के कथ्य, भाषा ,टंकण पर भी विचार व्यक्त कर सकते हैं